Admission Rules
प्रवेश नियम
- व्यापम द्वारा आयोजित प्री.बी.एड. की परीक्षा के आधार पर एस.सी.आर.टी रायपुर द्वारा आयोजित कांउसलिंग के माध्यम से आबंटित स्थान के अनुसार ही प्रवेश लिए जा सकेगें।
- बी.एड. में प्रवेश के आधार के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य शासन/राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् भोपाल/संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित निर्देषों का पालन किया जावेगा।
- बी.एड. प्रशिक्षणअवधि में किसी विवाहित महिला प्रशिाक्षार्थी को मातृत्व अवकाश की पात्रता नहीं होगी। अतएव बी.एड. में प्रवेश लेने के पूर्व महिला प्रशिक्षार्थी यह सुनिश्चित करें कि उसे जुलाई से अप्रैल की अवधि में मातृत्व की आवश्यकता होगी या नहीं। बी.एड. प्रशिक्षण की अवधि में मातृत्व अवकाश में जाने वाली महिला का प्रवेश निरस्त किया जा सकेगा।
- बी.एड. प्रवेश हेतु निर्धारित समस्त शुल्क एकमुस्त जमा करने पर ही प्रवेशार्थी का बी.एड प्रवेश सुनिश्चित माना जाएगा।
- बी.एड. प्रवेष प्राप्त प्रशिाक्षार्थी यदि अपना प्रवेश निरस्त करना चाहे तो वह ऐसा कर सकता है, परन्तु उसका प्रवेश शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।
1. प्री. बी.एड. की अंकसूची (जो व्यापम रायपुर द्वारा जारी की गई हो।)
2. महाविद्यालय आबंटन आदेश (जो एस.सी.आर.टी. रायपुर द्वारा जारी की गई हो)
3. हाईस्कूल, हायरसेकेण्डरी एवं स्नातक (प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्षो) के प्रमाण-पत्रों की अभिप्रमाणित छायाप्रति।
4. मूल स्थानांतरण प्रमाण-पत्र। (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) एवं मूल चरित्र प्रमाण पत्र।
5. छ.ग. के बाहर या संबंधित विष्वविद्यालय के बाहर से आये प्रशिक्षर्थीयों को प्रवजन प्रमाण-पत्र (माइग्रेशन सर्टिफिकेट) की मूल प्रति।
6. छ.ग. की स्थायी निवासी हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना। छ.ग. के बाहर के प्रवेशार्थीयों को ीाी अपने राज्य के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र की अभिप्रमाणित छायाप्रति पन्रस्तुत करना होगा।
7. नाम, उपनाम परिवर्तन संबंधी शपथ पत्र की मूल प्रति।
8. पासपोर्ट आकार के चार छायाप्रति (नाम लिखा हुआ)
9. उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा अभिप्रमाणित एवं सक्षम राजस्व अधिकारी द्वारा प्रदत्त जाति प्रमाण-पत्र (केवल अनुसूचित जाति, अ.ज.जा, एवं अ.पि.व.के लिए लागू) की अभिप्रमाणित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
10. समस्त प्रमाण पत्रों की मूल प्रति (प्रवेश के समय) महाविद्यालय कार्यालय में सत्यापन हेतु प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
प्रवेश-निरस्तता संबंधी नियमः-
1. सामान्यतः 50 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले प्रवेशार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा।2. अ.जा., अ.ज.जा., व अ.पि.व. को राज्य षासन के नियमानुसार 5 प्रतिशत की छूट होगी।
3. अपूर्ण असत्य एवं भ्रामक जानकारी के आधार पर प्राप्त प्रवेश वास्तविकता ज्ञात होने पर निरस्त कर दिया जायेगा। एवं उसका दायित्व छात्राध्यापक पर होगा ऐसी स्थिति में छात्र के द्वारा जमा की गई शुल्क वापस नहीं होगा।
4. छात्राध्यापक के आचरण, अर्हता आदि से संबंधित आपत्ति होने पर प्राचार्य ऐसे प्रवेशार्थी को प्रवेष के लिए अपात्र घोषित कर सकते है।
5. महाविद्यालय का पूरा शुल्क एवं आवष्यक समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करने पर ही छात्र का स्थायी प्रवेश समझा जावेगा, महाविद्यालय को यह अधिकार होगा कि विवाद की स्तिि में बिना कारण बताएं छात्राध्यापक को प्रवेश से वंचित या रद्द कर दिया जायेगा।
6. जिस प्रवेशार्थी का प्रवेश स्वीकार हो जायेगा उसे परिचय पत्र कार्यालय से दिया जायेगा, जिसे वर्ष भर सुरक्षित रखना होगा एवं प्रतिदिन वि़द्यालय साथ में लाना होगा।
7. आवेदन पत्र में छात्राध्यापक का नाम सही होना चाहिए जो उच्चतर माध्यमिक शाला प्रमाण-पत्र अंकसूची में दिये गए अनुसार हो। नाम परिर्वतन के इच्छुक महिला/पुरूष छात्राध्यापक को अपना आवेदन 10.00 रू. के नान जुडिशियल स्टाम्प में प्रथम श्रेणी न्यायाधीश की अदालत में शपथ-पत्र के साथ जमा करना होगा।
महाविद्यालय में प्रवेश लेने के पश्चात् सामान्य नियम
1. महाविद्यालयीन कार्यक्रमों में नियमित रूप से अपनी उपस्थिति देना अनवार्य है।2. महाविद्यालय द्वारा निर्धारित गणवेश में कार्यक्रमों में उपस्थित होना आवश्यक है।
3. छात्र-छात्राऐं अपने वाहन निर्धारित स्थान पर ही रखें। अपने वाहन की सुरक्षा प्रशिक्षार्थियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
4. महाविद्यालय की स्वच्छता को भंग करना दंडनीय है।
5. कार्यालय में बिना किसी आवश्यक कार्य के न जावें। कार्यालय में प्रवेश के पूर्व मूख्य लिपिक की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक हैं।
6. प्रशिक्षार्थियों प्रतिदिन महत्वपूर्ण निर्देश सूचनापट पर प्राप्त कर लेवें।
7. प्रशिक्षार्थियों के व्यवहार में विनयशीलता, शालीनता, आज्ञाकारिता, का पालन अति आवष्यक है।
8. सत्र आरंभ होने पर प्रशिक्षर्थियों के साक्षत्कार के अवसर पर प्रत्येक प्रशिक्षार्थियों के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं की जानकारी एकत्रित की जावेगी।
9. प्रशिक्षण की अवधि में किसी भी छात्र को कहीं और सेवा में संलग्न होने की अनुमति नहीं दी जावेगी। इसके उपरांत संलग्न पाये जाने पर संबंधित प्रशिक्षार्थियों का प्रवेष निरस्त कर दिया जावेगा।
10. दीर्घकालीन, अनुपस्थिति, अनियमित, विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने में शिथिलता, प्रशिक्षण में असंतोषजनक प्रगति एवं अन्य प्रकार की अनुशासनहीनता पाये जाने पर महाविद्यालयीन प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
11. शिक्षा संहिता के अध्याय 18 में निहित नियम 168(04) के अंतर्गत यदि प्रशिक्षार्थियों की प्रगति और आचरण असंतोषजनक पाया गया तो ऐसे प्रशिक्षार्थियों को चेतावनी देकर संस्था से अलग कर दिया जायेगा। इस संबंध में प्राचार्य का निर्णय अंतिम हेागा।
उपस्थिति एवं अवकाश
1. छात्राध्यायपकों की उपस्थिति प्रत्येक विषय की कक्षा में नियमित रूप से होनी चाहिए। जिन छात्राध्यापकों की उपस्थिति किसी भी विषय की कक्षा में 75 प्रतिशत से कम होगी, उन्हें विष्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार परीक्षा में सम्मिलित नहीं होने दिया जावेगा।2. उपस्थिति प्रत्येक कालखंड में ली जावेगी। जो विद्यार्थी के किसी कारण से अनुपस्थित रहता है। उसको संबंधित प्राध्यापक को सूचना के साथ प्राचार्य से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
3. बिना पूर्व सूचना दियें एवं पर्याप्त बिना कारण बतायें लगातार एक सप्ताह अनुपस्थ्ति रहने पर महाविद्यालय से नाम रिस्त कर दिया जायेगा और पूर्नप्रवेष की स्थिति में छात्राध्यापक को रू. 1000.00 पर्नप्रवेश शल्क देना होगा।